शब्द का अर्थ
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धन्वंग :
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पुं० [सं० धनु-अंग, ब० स०] धामिन का पेड़। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धन्वंतर :
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पुं० [सं०] चार हाथ की एक प्राचीन माप। |
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धन्वंतरि :
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पुं० [सं० धनु-अंत, ष० त०, धन्वत√ऋ (गति)+इ] १. देवताओं के प्रधान चिकित्सक जिनके संबंध में प्रसिद्ध है कि वे समुद्र मंथन के समय हाथ में अमृत का पात्र लिए हुए उसमें से प्रकट हुए थे। २. विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक। |
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धन्व :
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पुं० [सं०√धन् (शब्द)+वन्] १. धनुष। २. मरु- प्रदेश रेगिस्तान। |
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धन्वज :
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वि० [सं०√जन् (उत्पत्ति)+ड] रेगिस्तान में उपजने या जनमनेवाला। |
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धन्व-दुर्ग :
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पुं० [सं० मध्य० स०] मरुभूमि में स्थित दुर्ग। |
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धन्वन :
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पुं० [सं०√धन्व्+ल्यु—अन] धामिन का पेड़। |
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धन्व-यवास :
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पुं० [सं० मध्य० स०] दुरालभा। जवासा। |
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धन्वा (न्वन्) :
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पुं० [सं०√धन्व् (गति)+कनिन्] १. धनुष। कमान। २. मरुभूमि। रेगिस्तान। ३. सूखी जमीन (स्थल)। ४. आकाश। |
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धन्वाकार :
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वि० [सं० धन्वन्-आकार, ब० स०] कमान या धनुष के आकार का। अर्द्ध चन्द्राकार। |
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धन्वायी (यिन्) :
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वि० [सं० धन्वन्√इ (गति)+णिनि] धनुर्द्धर। पुं० रुद्र का एक नाम। |
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धन्विन :
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पुं० [सं० धन्व+इनन्] शूकर। सूअर। |
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धन्वी (न्विन्) :
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वि० [सं० धनु+इनि] १. धनु धारण करने वाला। २. चतुर। होशियार। पुं० १. पाँचों पाण्डवों में से अर्जुन का एक नाम। २. अर्जुन वृक्ष। ३. बकुल। मौलसिरी। ४. जवासा। ५. विष्णु। ६. शिव। तामस मनु का एक पुत्र। |
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